खूबी

खूबी

रसूल अल्लाह की खिदमत में एक शख़्स हाज़िर हुआ।
कहा "या रसूल अल्लाह मै अपनी बीवी को तलाक देना चाहता हूं ।

रसूल अल्लाह ने फ़रमाया "क्यूं"
उस शख़्स ने कहा या रसूल अल्लाह"बड़ी मुहदराज है,
झगड़ती बहुत है ,बोलती बहुत है,,मेरा फलां काम नहीं करती, मुझे वक्त पर खाना नहीं देती, या रसूल अल्लाह बिना इजाजत घर से निकल जाती है,,,,,

रसूल अल्लाह ने कहा, तेरी बीवी में सारी ही खामी है या कुछ खूबी भी हैं..
उसने कहा  "या रसूलअल्लाह वो मेरा बिस्तर बड़ा पाक रखती हैं सारी कोताही या एक तरफ़ मगर उसने कभी मेरे बिस्तर को गंदा नहीं किया।
"या रसूल अल्लाह किरदार की बड़ी पाक साफ है परदे की पाबंद है किसी गैर मेहरम की जुर्रत नही कि बात कर जाए,
ये खूबी है जो मुझे बड़ी पसंद है""""""

रसूल अल्लाह ने फ़रमाया तो फिर उसकी सारी कोताहियो को माफ कर और उसकी इस खूबी से मुहब्बत कर.....
क्योंकि अल्लाह ने हर इंसान को कोई ना कोई खूबी दी है।
हम मुहम्मद ﷺ के चाहने वाले हैं.

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